फोकस: फसल विविधीकरण 🌱 • सिंचाई 🚰 • भंडारण 🏪 • कर्ज सुविधा 💳
💡 योजना का परिचय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित “धन-धान्य कृषि योजना (2025)” का लक्ष्य है—देश के 100 पिछड़े जिलों को कृषि के क्षेत्र में विकसित जिलों के बराबर लाना। यह पहल किसानों की वास्तविक जरूरतों—जैसे पानी, भंडारण, वित्त और बाज़ार—पर केंद्रित है, ताकि खेती लाभकारी बने और गांवों में रोज़गार बढ़े।
🌱 फसल विविधीकरण
- धान/गेहूं से आगे—दलहन, तिलहन, बागवानी, मसाले, नकदी फसलें
- स्थानीय जलवायु/मृदा के अनुसार क्लस्टर आधारित मॉडल
- बीज गुणवत्ता, नर्सरी, GAP (Good Agricultural Practices)
🚰 सिंचाई एवं जल प्रबंधन
- माइक्रो/ड्रिप/स्प्रिंकलर को बढ़ावा
- जल-संरक्षण: खेत-तालाब, चेक-डैम, रिचार्ज
- ऊर्जा दक्ष पम्प/सोलर पम्प (उपलब्ध योजनाओं के समेकन के साथ)
🏪 भंडारण एवं लॉजिस्टिक्स
- ग्राम/ब्लॉक स्तर पर गोदाम और कोल्ड-स्टोरेज
- प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग, पैकेजिंग यूनिट्स
- पोस्ट-हार्वेस्ट लॉस में कमी ⇒ बेहतर MSP/बाज़ार मूल्य
💳 वित्तीय पहुंच
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) तथा औपचारिक ऋण पर जोर
- इनपुट/उपकरण हेतु सस्ती ऋण सुविधा
- FPO/SHG आधारित क्रेडिट लिंकिंग
📊 एक नज़र में (स्नैपशॉट)
पहलू | विवरण |
---|---|
वार्षिक बजट | ₹24,000 करोड़ (प्रस्तावित/घोषित) |
कवरेज | 100 पिछड़े जिले (प्राथमिकता) |
मुख्य फोकस | फसल विविधीकरण, सिंचाई, भंडारण, ऋण |
अपेक्षित असर | आय में वृद्धि, रोजगार सृजन, पोस्ट-हार्वेस्ट लॉस में कमी |
🌾 किसानों को होने वाले प्रमुख लाभ
- आय में वृद्धि: विविध फसलों और बेहतर कीमतों से कमाई बढ़ेगी।
- जोखिम में कमी: एक ही फसल पर निर्भरता कम ⇒ मौसम/बाज़ार झटके सहनीय।
- बेहतर सिंचाई: ड्रिप/स्प्रिंकलर से पानी-बचत और स्थिर उत्पादन।
- मजबूत भंडारण: सही समय पर बिक्री, MSP/निर्यात अवसर।
- सुलभ ऋण: इनपुट, उपकरण व प्रोसेसिंग के लिए वित्त उपलब्ध।
🧭 कैसे मिलेगा लाभ? (प्रक्रिया—सामान्य मार्गदर्शन)
- अपने जिला कृषि अधिकारी/कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से संपर्क करें।
- FPO/SHG/किसान समूह के माध्यम से क्लस्टर आधारित प्रोजेक्ट्स में जुड़ें।
- KCC या बैंक शाखा/सहकारी समिति के साथ ऋण-लिंकिंग कराएं।
- पोस्ट-हार्वेस्ट इंफ्रा/प्रोसेसिंग यूनिट के लिए उपलब्ध योजनाओं का समेकन लें।
🎯 किन क्षेत्रों/किसानों को प्राथमिकता मिल सकती है? (Indicative)
- जल-संकट/कम सिंचाई कवरेज वाले ब्लॉक्स
- उच्च पोस्ट-हार्वेस्ट लॉस वाले क्षेत्र
- कम क्रेडिट पहुंच वाले किसान/समूह
- क्लस्टर-आधारित बागवानी/दलहन-तिलहन बेल्ट
🧪 फसल विविधीकरण के प्रैक्टिकल आइडिया
- धान → मशरूम/सब्जी नर्सरी इंटीग्रेशन
- गेहूं → चना/मसूर + सरसों रोटेशन
- सब्जी क्लस्टर → ग्रेडिंग+पैकिंग यूनिट
- फल पट्टी → ड्रिप + मल्चिंग से पानी बचत
⚙️ माइक्रो-इरिगेशन & पोस्ट-हार्वेस्ट
- ड्रिप/स्प्रिंकलर पर सब्सिडी (उपलब्ध योजनाएं देखें)
- ग्रामीण गोदाम रैकिंग/वेंटिलेशन/आर्द्रता नियंत्रण
- कोल्ड-चेन: प्री-कूलिंग → स्टोरेज → ट्रांसपोर्ट
❓ FAQs—अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1) धन-धान्य कृषि योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है? 🌾
100 पिछड़े जिलों में कृषि अवसंरचना व सेवाओं की मजबूती—ताकि किसान आय बढ़ा सकें और खेती टिकाऊ बने।
2) क्या इसमें व्यक्तिगत किसान आवेदन करेंगे? 🧑🌾
कई घटक क्लस्टर/FPO/जिला परियोजनाओं के रूप में लागू हो सकते हैं। व्यक्तिगत लाभ घटक राज्य/जिला दिशा-निर्देश पर निर्भर होंगे।
3) क्या सूची जारी हो चुकी है? 🗂️
जिलों की आधिकारिक सूची/दिशा-निर्देश जारी होने पर राज्य/जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग द्वारा सूचित किया जाएगा।
4) बजट का उपयोग किन मदों में होगा? 💰
फसल विविधीकरण, सिंचाई विस्तार, गोदाम/कोल्ड-स्टोरेज, वित्तीय पहुंच, और मूल्य शृंखला सुदृढ़ीकरण।

📬 अपडेट चाहिए?
अपने जिले की स्थिति, पात्रता और निकटतम सहायता केंद्र की जानकारी के लिए जिला कृषि कार्यालय/KVK से संपर्क करें।
0 टिप्पणियाँ