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ग्रीष्मकालीन खीरे की खेती: सस्ते तकनीकी और बड़े उत्पादन के आसान उपाय.

ग्रीष्मकालीन खीरे की खेती की जानकारी और सस्ते तकनीकी सुझाव बड़े उत्पादन के लिए
1. उचित समय और जलवायु:
खीरे की खेती गर्मियों में मार्च से जून के बीच की जाती है। इसे गर्म और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है। तापमान 20-35°C इसके लिए आदर्श है।

2. मिट्टी की तैयारी:

खीरे की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है।

खेत की गहरी जुताई करें और मिट्टी में गोबर की खाद मिलाएं।

पीएच स्तर 6.0-7.0 के बीच होना चाहिए।


3. सस्ती और कुशल बुवाई तकनीक:

बीजों को सीधा क्यारी में 1.5-2 फीट की दूरी पर बोएं।

बीज की गहराई 1-2 सेमी रखें।

2-3 बीज प्रति गड्ढे में डालें और बाद में कमजोर पौधे हटा दें।


4. सस्ता सिंचाई प्रबंधन:

ड्रिप सिंचाई का उपयोग करें जिससे पानी की बचत होती है और उत्पादन बढ़ता है।

गर्मियों में 4-5 दिन के अंतर पर सिंचाई करें।

5. जैविक खाद और उर्वरक:

गोबर की खाद, वर्मी-कंपोस्ट या नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का संतुलित उपयोग करें।

आवश्यकता के अनुसार जैविक कीटनाशक (नीम तेल) का उपयोग करें।


6. ग्रीन नेट और मल्चिंग का उपयोग:

पौधों को तेज धूप से बचाने के लिए ग्रीन नेट का उपयोग करें।

मल्चिंग से नमी बनी रहती है और खरपतवार कम होते हैं।


7. पौधों की देखभाल:

बेलों को बढ़ाने के लिए ट्रेलिस सिस्टम का उपयोग करें।

नियमित रूप से खरपतवार हटाएं और कीटों का निरीक्षण करें।


8. फसल कटाई:

बुवाई के 40-50 दिनों बाद खीरे तैयार हो जाते हैं।

समय पर तुड़ाई करें जिससे पौधे अधिक फल दे सकें।

सस्ते तकनीकी उपाय:

जैविक खाद और कीटनाशक बनाएं।

स्थानीय स्तर पर उपलब्ध ट्रेलिस सामग्री (बांस/रस्सी) का उपयोग करें।

पानी बचाने के लिए वर्षा जल संचयन करें।

इन तकनीकों का पालन कर आप कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकते हैं।


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