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खानदेश में फसल बीमा मुआवजा नाममात्र का — तीन जिलों को मिलेंगे सिर्फ 37 करोड़ रुपये! 🌾💔

खानदेश में फसल बीमा मुआवजा नाममात्र का — तीन जिलों को मिलेंगे सिर्फ 37 करोड़ रुपये! 🌾💔


खानदेश के किसानों को झटका — बीमा मुआवजा बेहद कम!
महाराष्ट्र के खानदेश क्षेत्र, जिसमें धुले, नंदुरबार और जलगांव जिले शामिल हैं, वहां के किसानों को इस रबी सीजन (2023-24) में फसल बीमा योजना के तहत सिर्फ 37 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। यह राशि क्षेत्र के नुकसान की तुलना में बेहद कम मानी जा रही है। 😞📉

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क्षेत्रवार मुआवजा वितरण:
जानिए किन जिलों को कितनी राशि मिलेगी:

• धुले: लगभग ₹13.27 करोड़

• नंदुरबार: ₹10.35 करोड़

• जलगांव: ₹13.38 करोड़


इन तीनों जिलों के लाखों किसानों ने फसल बीमा के लिए प्रीमियम भरा था, लेकिन अब उन्हें मुआवजे के नाम पर बहुत ही कम रकम मिल रही है, जो उनकी लागत और नुकसान के मुकाबले बिल्कुल नाकाफी है। 🌾💸


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प्रमुख फसलें और नुकसान:
खानदेश में मुख्य रूप से गहू (गेहूं), हरभरा (चना), ज्वारी और कांदा (प्याज) जैसी फसलें ली जाती हैं। इस बार कई क्षेत्रों में अतिवृष्टि, पाला और कीट प्रकोप के कारण भारी नुकसान हुआ था। किसान उम्मीद कर रहे थे कि फसल बीमा से राहत मिलेगी, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। 🧅❄️🐛


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किसानों की प्रतिक्रिया:
कई किसानों का कहना है कि बीमा कंपनियों ने नुकसान का सही सर्वेक्षण नहीं किया, और बीमा भुगतान में पारदर्शिता नहीं है।
"हमने समय पर प्रीमियम भरा, लेकिन जब मदद की जरूरत पड़ी, तब सरकार और बीमा कंपनियों ने साथ नहीं दिया," - ऐसा कहना है जलगांव जिले के एक किसान का। 📣😠


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क्या होनी चाहिए सरकार की ज़िम्मेदारी?

• नुकसान के सही और पारदर्शी सर्वे की व्यवस्था

• किसानों को ऑनलाइन ट्रैकिंग सुविधा

• बीमा भुगतान में तेज़ी और पारदर्शिता

 प्रीमियम के अनुपात में उचित मुआवजा



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निष्कर्ष:
खानदेश के किसानों ने हर मौसम में देश के अन्न भंडार को भरा है। ऐसे में जब वे संकट में हैं, तो उन्हें सिर्फ 37 करोड़ में समेटना अन्यायपूर्ण है। सरकार और बीमा कंपनियों को चाहिए कि वे किसानों की मेहनत और उम्मीदों का सही मूल्य दें। 🌿


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