मानिकराव कोकाटे विवाद: "किसान का बेटा" होने के बावजूद गैर-जिम्मेदार बयान? 🌾⚠️
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री मानिकराव कोकाटे इस समय अपने एक विवादास्पद बयान को लेकर घिरे हुए हैं। एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान, जब किसान कर्जमाफी को लेकर अपनी परेशानियाँ साझा कर रहे थे, तब कोकाटे ने उनसे पूछा:
"आप कर्जमाफी का पैसा कहां लगाते हैं? क्या आप सच में उसे खेती में लगाते हैं?"
इस बयान ने न सिर्फ किसानों को आहत किया बल्कि सोशल मीडिया पर भी भारी विरोध खड़ा कर दिया।
कोकाटे ने खुद को "किसान का बेटा" बताया, लेकिन उनके सवालों ने ऐसा संकेत दिया जैसे किसानों की नीयत पर शक हो।
क्या कहा किसानों ने?
• कई किसान संगठनों ने मंत्री के बयान की कड़ी आलोचना की। उनका कहना है कि:
• कर्जमाफी किसानों का अधिकार है, कोई उपकार नहीं।
• खेती में लागत बढ़ रही है, और मुनाफा लगातार घट रहा है।
• नेता ज़मीनी सच्चाई से कट चुके हैं और महंगे मंचों से किसानों की नीयत पर सवाल उठाते हैं।
राजनीतिक हलकों में भी हलचल
राज्य की विपक्षी पार्टियों ने कोकाटे से माफी मांगने की मांग की है और उनके इस बयान को "किसान विरोधी मानसिकता" करार दिया है। सोशल मीडिया पर भी #KisanVirodhiMantri ट्रेंड कर रहा है।
क्या यह एक असंवेदनशील टिप्पणी थी या सच कहने की कोशिश?
यह बहस अभी जारी है, लेकिन इतना तय है कि किसानों के मुद्दों पर बोलते समय नेताओं को बेहद संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की ज़रूरत है।
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खबरों में बने रहें, सवाल पूछते रहें!
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