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US-China Relation: चीन का आयात और अमेरिकी किसान – टैरिफ का असर क्या है? 🌾🇺🇸🇨🇳

US-China Relation: चीन का आयात और अमेरिकी किसान – टैरिफ का असर क्या है? 🌾🇺🇸🇨🇳

परिचय:
US और चीन के बीच व्यापार संबंधों में तनाव ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। खासकर अमेरिकी किसान इस विवाद के सबसे बड़े पीड़ितों में से एक हैं। चीन, जो अमेरिकी कृषि उत्पादों का सबसे बड़ा आयातक है, अब टैरिफ के कारण पीछे हटता नजर आ रहा है।

---चीन का आयात और उसकी गिरावट 📉

चीन अमेरिकी सोयाबीन, मक्का, गेहूं और पोर्क जैसे कृषि उत्पादों का सबसे बड़ा खरीदार रहा है। लेकिन जब 2018-19 के दौरान अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर टैरिफ लगाए, तो बदले में चीन ने भी अमेरिकी कृषि उत्पादों पर भारी टैरिफ लगा दिए।

नतीजा:

• अमेरिकी कृषि निर्यात में भारी गिरावट

• किसानों को भारी आर्थिक नुकसान

• स्टोरेज में पड़ा माल सड़ने की कगार पर



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पारस्परिक टैरिफ: लागत में बढ़ोतरी 💰🔥

टैरिफ युद्ध के चलते दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात की लागत बहुत बढ़ गई है। इससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है:

1. उत्पादन लागत में वृद्धि

2. बिक्री मूल्य में गिरावट



एक उदाहरण:
2017 में चीन ने अमेरिका से करीब $24 बिलियन मूल्य के कृषि उत्पाद खरीदे थे, लेकिन टैरिफ के बाद ये आंकड़ा घटकर $9 बिलियन तक पहुंच गया।


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किसानों की चिंता और उम्मीदें 🌾🤞

अमेरिकी किसानों को उम्मीद थी कि सरकार उनकी मदद करेगी — जैसे सब्सिडी, नुकसान की भरपाई या एक्सपोर्ट इंसेंटिव। कुछ राहतें दी गईं, लेकिन वे स्थायी समाधान नहीं बन सकीं।

अब स्थिति यह है:

• किसान कर्ज में डूब रहे हैं

• कुछ ने खेती छोड़ना शुरू कर दिया है

• व्यापार सामान्य होने की प्रतीक्षा जारी है



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निष्कर्ष: समाधान की जरूरत 🛠️

US-China संबंधों में स्थिरता और समझौता दोनों देशों के हित में है। खासकर किसानों को बचाने के लिए ज़रूरी है कि:

• टैरिफ कम हों.

• व्यापार दोबारा सामान्य हो.

• किसानों को उचित समर्थन मिले.


अमेरिकी किसानों का भविष्य इस बात पर टिका है कि चीन के साथ व्यापारिक रिश्ते कितनी जल्दी पटरी पर आते हैं।


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#USChinaRelation #कृषि #TariffImpact #AmericanFarmers #GlobalTrade


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