🧑🌾 कभी सिर्फ धान उगाती थीं, अब कमा रही हैं हजारों!
जानिए रूकमणी नाग की प्रेरणादायक खेती यात्रा 💰🌾
✍️ Writer: Advance Farming Techniques 🌱🐛🐞
✅ परिचय: मेहनत + मार्गदर्शन + सरकारी सहायता = बदलाव
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के ग्राम एड़का की रहने वाली रूकमणी नाग ने अपनी आर्थिक स्थिति को केवल परंपरागत खेती से बदलकर एक नई दिशा दी है। कभी केवल धान की खेती करने वाली रूकमणी आज बहुफसली खेती, सब्जी उत्पादन और प्रसंस्करण से सालाना ₹60,000 तक एक्स्ट्रा कमाई कर रही हैं।
🌾 समस्या: सिर्फ धान की खेती से सीमित आमदनी
रूकमणी और उनके परिवार की आय पूरी तरह धान की फसल पर निर्भर थी। लेकिन उत्पादन में कमी, महंगी कृषि लागत और बाजार में अस्थिर कीमतों के चलते उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही थी।
🧭 समाधान: सरकारी योजना और जागरूकता से नई दिशा
- कृषि विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत मदद मिली
- महिला स्व-सहायता समूह से जुड़कर समूह खेती की शुरुआत की
- कृषि यांत्रिकीकरण योजना से सिंचाई और कृषि उपकरणों की सुविधा
🌿 नई शुरुआत: बहुफसली खेती और सब्जी उत्पादन
रूकमणी ने परंपरागत खेती के साथ-साथ मूंग, अरहर, हल्दी, टमाटर और लौकी जैसे फसलों की खेती शुरू की।
उन्होंने टपक सिंचाई, जैविक खाद और मल्चिंग तकनीक अपनाई जिससे उत्पादन बढ़ा और लागत घटी।
उनके द्वारा उगाई गई सब्जियाँ अब स्थानीय मंडियों और सरकारी संग्रहण केंद्रों में बेची जाती हैं।
💰 कमाई: अब सालाना ₹60,000 तक एक्स्ट्रा
- धान उत्पादन: 20 क्विंटल/एकड़ से बढ़कर 28 क्विंटल/एकड़
- सब्जियों से सालाना कमाई: ₹30,000 - ₹40,000
- मसालों से अतिरिक्त आय: ₹15,000 - ₹20,000
- कुल लाभ: ₹60,000 तक की अतिरिक्त आमदनी हर साल
👩🌾 रूकमणी की प्रेरणा बनीं कई महिलाएं
रूकमणी नाग अब अपने गाँव की प्रेरणास्रोत महिला किसान बन चुकी हैं। वे अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दे रही हैं जिससे और भी महिलाएं खेती से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।
🔑 सफलता के मंत्र
- बहुफसली खेती अपनाएं
- सरकारी योजनाओं की जानकारी लें और उसका लाभ उठाएं
- जैविक और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करें
- स्थानीय मंडी और ग्राहक से सीधा जुड़ाव करें
- समूह में मिलकर काम करें, इससे जोखिम भी कम होता है
📣 सीखें और आगे बढ़ें
"मेहनत से अगर सही दिशा मिल जाए, तो किस्मत खुद बदल जाती है। खेती में बदलाव और योजना से मैंने अपनी जिंदगी बदली है।"
- रूकमणी नाग
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