स्थान: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में इन दिनों धान की फसल को एक गंभीर रोग शीथ ब्लाइट (Sheath Blight) तेजी से प्रभावित कर रहा है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया तो पूरी फसल नष्ट हो सकती है।
⚠️ यह रोग मुख्य रूप से अत्यधिक नमी, घनी बुआई और अधिक नाइट्रोजन के प्रयोग से फैलता है।
🧫 शीथ ब्लाइट रोग क्या है?
यह एक फफूंदजनित रोग है जो Rhizoctonia solani नामक फफूंद के कारण होता है। यह पत्तियों और तनों पर असर करता है जिससे पौधे का पोषण रुक जाता है और उत्पादन घट जाता है।
🔍 लक्षण पहचानें:
- 🌿 पत्तियों के किनारों पर भूरे या स्लेटी रंग के धब्बे
- 🍂 सूखती हुई पत्तियाँ और तनों पर सफेद फफूंदी की तंतु
- 🌾 खेत में गोलाकार रूप से मरते हुए पौधों के समूह
- 🌫️ पत्तियाँ जमीन की ओर झुक जाती हैं और पौधा कमजोर हो जाता है
⚙️ फैलने के कारण:
- ❌ अत्यधिक सिंचाई और जलजमाव
- ❌ घनी बुआई और हवा का प्रवाह न होना
- ❌ बिना उपचारित बीजों का प्रयोग
- ❌ नाइट्रोजन खाद (यूरिया) की अधिक मात्रा
🛡️ रोकथाम और नियंत्रण के उपाय:
1️⃣ जैविक उपाय:
- 🌱 Trichoderma viride फफूंदनाशक का प्रयोग (2.5 किग्रा प्रति एकड़ गोबर की खाद में मिलाकर खेत में डालें)
- 🔄 फसल चक्र अपनाएं और धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलें उगाएं
- 🌾 रोगमुक्त और उपचारित बीजों का चयन करें
2️⃣ रासायनिक नियंत्रण:
- 🧴 Carbendazim 50% WP – 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव
- 🧴 Hexaconazole 5% SC – 2 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाएं
- 📆 पहला छिड़काव लक्षण दिखने पर और दूसरा 7-10 दिन बाद करें
📌 किसानों के लिए सुझाव:
- ✅ खेत की नियमित निगरानी करें
- ✅ समय पर उपचार करें
- ✅ नाइट्रोजन का संतुलित उपयोग करें
- ✅ जल निकासी की अच्छी व्यवस्था रखें
👉 निष्कर्ष: शीथ ब्लाइट एक खतरनाक रोग है लेकिन समय पर पहचान और उपचार से किसान भाई अपनी फसल को पूरी तरह बचा सकते हैं। जैविक व रासायनिक दोनों तरीकों को संतुलित रूप से अपनाकर आप अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित कर सकते हैं।
✍️ लेखक: Advance Farming Techniques 🌱
📅 प्रकाशित: जुलाई 2025
📢 यह जानकारी उपयोगी लगी हो तो इसे शेयर करें और दूसरे किसानों को भी जागरूक बनाएं।
0 टिप्पणियाँ