✍️ लेखक: Advance Farming Techniques 🌱🐛🐞
🗞️ प्रमुख खबर
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर डॉ. रघुराम राजन ने शुक्रवार को सरकार को चेताया है कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर बातचीत करते समय कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि भारत को इस समझौते में सूझबूझ, सतर्कता और रणनीतिक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए ताकि देश के करोड़ों किसानों को नुकसान न हो।
🌾 विकसित देशों की कृषि सब्सिडी बन सकती है खतरा
- अमेरिका समेत अधिकतर विकसित देश अपने किसानों को
- इनकी सस्ती कृषि वस्तुएं अगर भारतीय बाजार में आईं, तो हमारे स्थानीय किसान प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकते हैं।
- भारत के किसानों को इतनी सब्सिडी नहीं मिलती, जिससे वे मूल्य और उत्पादन क्षमता में बराबरी नहीं कर पाते।
📉 क्या कहती है आर्थिक वृद्धि दर?
राजन ने बताया कि फिलहाल भारत की GDP ग्रोथ 6-7% की रेंज में है, जो वैश्विक मानकों के अनुसार अच्छी मानी जाती है।
हालांकि, उन्होंने चेताया कि अगर वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बनी रही, तो निर्यात पर दबाव बढ़ेगा और भारत की विकास दर में गिरावट आ सकती है।
🇮🇳 भारत को क्या करना चाहिए?
रघुराम राजन की राय के अनुसार भारत को व्यापार समझौते में आगे बढ़ने से पहले निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:
- 🔐 कृषि को संवेदनशील श्रेणी में शामिल किया जाए ताकि उसे संरक्षण मिल सके।
- 📉 प्रभाव मूल्य निर्धारण (MSP) प्रणाली को और मजबूत बनाया जाए।
- 🛡️ कृषि उत्पादों पर टैरिफ व सुरक्षा उपाय लागू किए जाएं।
- 🚜 फसल विविधीकरण और प्रोसेसिंग यूनिट्स को प्रोत्साहन दिया जाए।
- 🧾 राष्ट्रीय कृषि नीति में वैश्विक व्यापार से संबंधित प्रावधान जोड़े जाएं।
🌐 अंतरराष्ट्रीय व्यापार और भारत की स्थिति
भारत वर्तमान में कई देशों के साथ व्यापार वार्ता कर रहा है, जिनमें अमेरिका प्रमुख है। इन वार्ताओं में कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जो सबसे ज्यादा संवेदनशील है।
⚠️ यदि भारत ने बिना रणनीतिक विश्लेषण के समझौते किए, तो देश के 12 करोड़ से अधिक किसान प्रभावित हो सकते हैं।
यह भी ज़रूरी है कि डिजिटल व्यापार, डेटा संरक्षण जैसे नए विषयों पर भी भारत अपनी स्थिति स्पष्ट रखे।
📊 सरकार को क्या करना चाहिए?
- 🧠 विशेषज्ञ समिति की मदद से समझौते की समीक्षा करनी चाहिए।
- 🗣️ किसानों, संगठनों और कृषि अर्थशास्त्रियों की राय ली जानी चाहिए।
- 🌎 WTO (World Trade Organization) में भारत को कृषि सब्सिडी की छूट के लिए दबाव बनाना चाहिए।
- 💼 व्यापार में पारदर्शिता और हितधारकों को जानकारी देना अनिवार्य है।
💬 निष्कर्ष
रघुराम राजन की चेतावनी भारत के लिए एक विचार योग्य संकेत है। किसी भी व्यापार समझौते से पहले देश के किसानों, कृषि व्यवस्था, ग्रामीण रोजगार और खाद्य सुरक्षा पर इसके प्रभावों का अध्ययन जरूरी है।
भारत को विकास की दौड़ में भागते हुए अपनी जड़ों और खेतों की रक्षा करनी होगी।
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